जीवन क्या है? What is Life in Hindi.

जीवन क्या है? इसका मतलब हर इंसान के लिए अलग– अलग हो सकता है, क्योंकि अलग अलग लोग जीवन को अलग अलग नज़रिए से देखने की कोशिश करते है।

जो इंसान जिस तरह दुनिया को देख रहा होता है, वह उसी तरह जीवन को भी देखता है, इसलिए यह समझ पाना, जीवन क्या है? तो यह थोड़ा कठिन हो सकता है। क्योंकि हर इंसान जीवन को अपने नज़रिए से देखता, और सोचता है।

जीवन की परिभाषा–

कुछ लोग मानते हैं कि जीवन ईश्वर का दिया हुआ एक उपहार है। जिसमें विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु, साधु-संत, पीर, और फकीर शामिल हो सकते हैं। ये लोग धार्मिक और आध्यात्मिक होते है। जो जीवन को उपहार रूप में मानते है।

कुछ मानते हैं कि जीवन एक चुनौती की तरह है जहां उन्हें अपने सपनों तक पहुंचने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जैसे–

IAS या IPS बनना, क्रिकेटर, डॉक्टर या इंजीनियर बनना, ट्रेडर और इन्वेस्टर बनना, देश का प्रधानमंत्री बनना, या फिर एक साइंटिस्ट बनना। 

और फिर ऐसे भी लोग हैं जो मानते हैं कि जीवन एक पहेली की तरह है, जिसे सुलझाने के लिए वे लोग अपने बारे में जानने और समझने की कोशिश करते हैं। जैसे

गौतम बुद्धPlato प्लेटो, Socrates सुकरात, Aristortle अरस्तू, अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफेन हाकिंग। 

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इनमें अलग अलग तरह के लोग शामिल है, जिन्होंने अलग अलग तरह से ज्ञान की खोज की। जो आमतौर पर दार्शनिक, वैज्ञानिक, और चिंतक कहलाए जाते हैं। जैसे–

गौतम बुद्ध ने ध्यान और समाधि के माध्यम से आत्म-ज्ञान की खोज की, जबकि सुकरात और अरस्तू ने तर्क और दर्शन के जरिए ज्ञान की खोज की। आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग जैसे वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड और उसके नियमों को समझने के लिए विज्ञान का सहारा लिया।

तो विज्ञान की खोज किसने की और विज्ञान क्या है? वैज्ञानिक नज़रिए से जीवन क्या है? और हमारा नज़रिया क्या मायने रखता है, यह भी समझना जरूरी है।

इसलिए हमें चाहिए की हम जीवन को दूसरे और भी नज़रिए (दृष्टिकोण) से देखें।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जीवन,

जीवन को एक रासायनिक प्रतिक्रिया के रूप में देखता है, जो जीवित चीजों के अंदर होती है। जिस तरह हमें शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी तरह हमारे अंदर भी कुछ छोटे कार्यकर्ता होते हैं जिन्हें (मेटाबॉलिज्म) कहते है। वे हमारे शरीर के खाए गए भोजन का उपयोग करने और उसे ऊर्जा में बदलने में हमारी मदद करते हैं। यह हमारे अंदर एक कारखाने की तरह है जो हमें जीवित रखने और चलते रहने में मदद करते है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण की परिभाषा–

का फायदा यह है कि, यह जीवन को ऐसे तरीकों से देखता है, जिसे समझना आसान है, निश्चित है, और मापा जा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण स्पष्ट उत्तर देकर जीवन को बेहतर ढंग से समझने में हमारी मदद करता है। लेकिन–

इसकी कुछ खामियां भी है, यह हमारे भावनाओं और हमारे विश्वासों को अनदेखा कर देता है, जो हर इंसान को खास और दूसरों से अलग बनाता है।

क्योंकि हमारी भावनाओं और हमारे विश्वासों को उन शब्दों का उपयोग करके समझाना कठिन है जो रसायनों या शरीर के बारे में बात करते हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण से जीवन,

में हम जीवन को एक वरदान मानते हैं, जो ईश्वर द्वारा हमें दिया गया एक अद्भुत उपहार है। जिसका मुख्य लक्ष्य है खुद को और दूसरों को खुशी महसूस कराना है।

धार्मिक नज़रिए से हमें ऐसे कार्य करने चाहिए, जिनसे हमें खुशी मिले और गर्व महसूस हो। मतलब जीवन ऐसा होना चाहिए है जो सार्थक लगे और जिसका कोई उद्देश्य हो।

धार्मिक दृष्टिकोण की परिभाषा–

धार्मिक परिभाषा का अर्थ है, जो लोग किसी विशेष शक्तियों में विश्वास करते हैं जिन्हें वे देख नहीं सकते, जैसे जादू या देवता। जिनके लिए वे लोग प्रार्थना या समारोह जैसे विशेष कार्य भी करते हैं, और अपने जीवन में अनेक परंपराओं का पालन करते हैं।

धर्म जीवन के बारे में सोचने और बात करने का एक तरीका है, लेकिन इसमें हमेशा वह सब कुछ शामिल नहीं होता जो घटनाएं जीवन में घटित होती है। जो इसके मानने या पूजने वालों के विचारों या शब्दों से बाहर हैं।

आमतौर पर किसी धर्म का अर्थ उसके मानने वाले लोग ही तय करते हैं। हर इंसान जो किसी धर्म का पालन करता है वह सोचता है कि उसका धर्म ही सबसे सच्चा है, हमेशा रहेगा, और हर जगह पाया जाता है।

धार्मिक परिभाषा की चुनौती यह है कि, यह जीवन के उस पहलू को अनदेखा कर देता है, जो वास्तविक, विविध, और बदलावपूर्ण होते है, जिसे धार्मिक या आध्यात्मिक शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।

उन चीज़ों में विज्ञान, कला, राजनीति, दूसरों के साथ बातचीत और हमारी भावनाएँ शामिल हैं। ये सब जीवन के वो हिस्से हैं जो सत्य हैं, एक-दूसरे से भिन्न हैं और हमेशा बदलते रहते हैं। लेकिन धर्म में इनकी कोई जगह नहीं है। इन चीज़ों को धर्म की परिभाषा में शामिल या स्वीकार नहीं किया जाता है, बल्कि इन्हें धर्म के अनुसार बनाने का प्रयास किया जाता है। इससे धर्म की परिभाषा अधूरी रह जाती है।

व्यावहारिक दृष्टिकोण से जीवन,

में जीवन को एक खेल या एक पहेली की तरह मानते हैं। जिसमें उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और सफल होने के लिए खुद पर विश्वास करना पड़ता है।

वे जो कर रहे हैं उसके प्रति उत्साहित रहते है, कड़ी मेहनत करते है और कभी हार नहीं मानते।

व्यवहारिक दृष्टिकोण हमें यह सीखाता है कि जब हम जीवन में कुछ अच्छा करें या कोई जीत हासिल करें तो खुश रहें, और जब हम न जीतें या कुछ अच्छा न कर पाए तो भी सब ठीक रहें।

इस दृष्टिकोण में हमें अपनी जीत और हार को स्वीकार करना सीखना पड़ता है। इसको व्यावहारिक या रचनात्मक परिभाषा कहा जा सकता है, जो जीवन को एक चुनौती या एक अवसर की तरह मानती है।

व्यावहारिक दृष्टिकोण की परिभाषा–

व्यावहारिक परिभाषा का अर्थ है, किसी चीज़ को सरल तरीके से समझाना, हकीकत में होने वाली चीजों को संभालने और स्वीकार करने का तरीका खोजना। और अपने आपको बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करना। जो आपके जीवन को सक्रिय, दयालु और रचनात्मक बना सकें।

व्यावहारिक परिभाषा अच्छी है क्योंकि यह जीवन को मज़ेदार और उपयोगी बनाती है और सभी चीजों को अच्छे से और अलग तरीकों से करने में मदद करती हैं।

व्यवहारिक परिभाषा की चुनौती है कि, यह जीवन के उन हिस्सो का उल्लेख (Mention) करना भूल जाती है, जो हमेशा एक जैसी होती हैं और हर दिन वारदात होती हैं।

यह परिभाषा केवल उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करती है जो लोग अपने उद्देश्य पर कुछ करते हैं और बदल सकते हैं, न कि उन चीज़ों पर जो जीवन का एक नियमित हिस्सा (REGULAR PART) हैं, और जिन्हें बदला नहीं जा सकता है।

व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ इस पहलू को संतुलित करने का एक और तरीका है जिसे आदर्शवाद की विचारधारा कहते है, जो एक गंभीर सिद्धांत या आदर्श के अनुसार जीवन को जीने का एक तरीका है।

आदर्शवाद की विचारधारा और महत्व,

यह एक दार्शनिक सिद्धांत और सोचने का एक तरीका है। जो हमें यह जानने में मदद करता है कि हम यहां क्यों हैं, और क्या करने आए है।

यह हमें चीजों को एक निश्चित तरीके से देखने में मदद करता है। जिसका मानना है कि विचार, भावना और आत्मा दुनिया की सबसे (Real) वास्तविक चीजें हैं।

इस विचारधारा में जिस दुनिया को हम देखते हैं वह उन विचारों और मूल्यों की तस्वीर की तरह है जो लोगों के दिमाग में हैं।

इसका मतलब यह है कि हमारे आस-पास की दुनिया एक दर्पण (शीशे) की तरह है जो हम सोचते है, और विश्वास करते हैं वही हमें दिखाई देता है।

निष्कर्ष:

अगर आप चाहते है, आपका नज़रिया दूसरों से अलग हो तो आपको चाहिए कि, आप अपने लिए कुछ समय निकालें–

  • अपने अंदर चल रही चीज़ों को देखें, इससे अपने आपको समझने में मदद मिलेगी।
  • अपने पूरे दिन में कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो, जैसे पेंटिंग, ड्राइंग या सिंगिंग।
  • प्रकृति की सुंदर चीज़ों और लोगों द्वारा की जाने वाली अच्छी चीज़ों को देखें और उनकी सराहना करें।
  • उस चीज़ के बारे में सोचें जिसे आप अपने जीवन में हासिल करना चाहते हैं और उसी दिशा में काम करें।
  • एक लक्ष्य बनाएं, जो आपके लिए महत्वपूर्ण हो, थोड़ा कठिन हो लेकिन मजेदार भी होना चाहिए। इससे आपको विकसित होने में, और अपने परिवार को खुश करने में मदद मिलेगी।

NOTE: आपका मुख्य उद्देश्य होना चाहिए खुद को बेहतर बनाना, अपने परिवार की देखभाल करना और अपने आसपास के लोगों की मदद करना।