जीवन कैसा है? इसके बारे में लोगों की अलग-अलग राय है। इसका जवाब विज्ञान, धर्म, दर्शन, कला और साहित्य जैसे विभिन्न शाखाओं ने अपने-अपने तरीके से ढूंढने की कोशिश की है।
इस सवाल का सीधा और स्पष्ट उत्तर हो सकता है, जीवन पूरी तरह व्यक्ति के सोच–विचार अनुभव, ज्ञान, मूल्यों और विश्वासों पर निर्भर करता है। जो इंसान जैसा सोचता है, जीवन उसके लिए वैसा है।
क्या वास्तव में जीवन खूबसूरत है, Life is really Beautiful?
यह पूरी तरह सत्य है कि, जीवन केवल तब खूबसूरत लगती है जब हम अपने जीवन में खुश हो, या हमारे जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा हो। लेकिन जैसे ही हमारे जीवन में कोई समस्या (Problems) आती है हमें अपने जीवन में बुराईयां नजर आने लगती है।
क्योंकि जब हम खुश होते हैं, तो हमें जीवन की सारी बातें अच्छी लगती हैं। और जब हम दुःखी होते हैं, तो हमें जीवन की सारी बातें बुरी लगती हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि जीवन में खुशी और दुःख दोनों ही अस्थायी होते हैं। जो समय के साथ बदलते रहते है।
हम सभी जानते है कि, जीवन के बारे में हम जो सोचते है, या जैसा हम चाहते है वैसा हमारे साथ कभी नहीं होता बल्कि हर दिन कुछ अलग और कुछ नया होता है जहां तक हम सोच नही पाते।
अपने जीवन को हम अपने तरीके से जीना चाहते है, लेकिन जैसा हम चाहते है, समय हमेशा हमारे विपरीत चलता है और वैसा हमारे जीवन में कभी नहीं होता, जैसा की हम चाहते है। समय अपने हिसाब से चलता है, और हम इसे बदल नही सकते बल्कि इसके साथ चल सकते है।
हमारी सोच और जीवन की वास्तविकता अक्सर हमें निराश और दुख का अनुभव कराते है। लेकिन यदि हम सकारात्मक रूप से देखें और जीवन की हर परिस्थिति को ठहरकर और शान्त मन से सोचें, तो हम अपने लिए नए रास्ते बना सकते हैं।
महात्मा गौतम बुद्ध की एक कहावत है कि, हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं। यदि हम अपनी सोच को बदल दें, तो हम अपने जीवन को भी बदल सकते हैं।
जीवन को देखने का नजरिया कैसा होना चाहिए?
जीवन को देखने का हर किसी का अपना नज़रिया होता है, और वह अपने हिसाब से जीवन को देखता है। लेकिन हमारी सबसे बड़ी कमजोरी यही है की हम अपनी सोच और मान्यताओं से बंधे हुए है, और जीवन को बस अपने नज़रिए से ही देख पाते है, जिससे हम सिर्फ वही देखते है जो हम देखना चाहते है। और हम जिस भी नजरिए से देख रहे होते है वही हमारा विश्वास बन जाता है।
यदि हम जीवन में कुछ ऐसा देखते या सुनते हैं, जो हमारे सोच–विचार और विश्वास के खिलाफ है, तो हम दो तरह की प्रतिक्रिया (Responce) दे सकते हैं, या तो हम उस बात को स्वीकार करते हैं या हम उन्हें नकार देते हैं। अगर हम उस बात को स्वीकार करते हैं–तो हम अपने आप को एक नई दृष्टि, नई सोच और समझ देते हैं।
जिसमें हम जीवन को एक और अधिक विविध और रंगीन तरीके से देख सकते है। हम अपने आस-पास के लोगों और घटनाओं को अधिक खुले और उदार मन से समझ सकते हैं। हम अपने जीवन में नए अनुभवों और सीखने के अवसरों को आमंत्रित करते हैं।
वहीं अगर हम उस बात को नकार देते हैं–तो हम अपने आपको बदलने से बचते हैं। और अपने जीवन की वास्तविकता से दूर हो जाते हैं। इसमें हम अपने आप को चुनौती देते हैं और अपने लिए सहानुभूति तैयार करते हैं। और अपने पहले से मौजूद विश्वासों, मान्यताओं और अपेक्षाओं के अनुसार ही जीवन को समझते हैं। और अपने मान्यताओं और विश्वासों के खिलाफ जाने से बचते है।
हर एक इंसान जीवन को अलग-अलग रूप में देखता है। लेकिन वह कभी यह सवाल नहीं करता कि, जो कुछ भी वह देख रहा है क्या वह सत्य है? कोई भी इंसान अपने ऊपर किसी भी तरह के प्रश्नवाचक (?) चिन्ह नहीं लगाना चाहता क्योंकि शायद हर किसी को लगता है, जो भी वह जानते और समझते है वह सबसे सर्वोच्च है, और वही सत्य है।
लेकिन क्या यह काफी है, क्या हम जीवन को सिर्फ अपने नज़रिए से ही देख सकते हैं? क्या हम दुनिया के अन्य पहलुओं, विचारों और तथ्यों को नज़र अंदाज़ कर सकते हैं? क्या हम दुनिया की वास्तविकता को जानने के लिए अपने सोच और विचार को बदलने या चुनौती देने के लिए तैयार हैं?
यह कुछ ऐसे सवाल है, जिसका उत्तर हमें खुद ही ढूंढना चाहिए।
जीवन हमारी अनुभव हमारी सोच और हमारे विचारों से प्रभावित होता है। यदि हम जीवन को अच्छा और सुंदर समझते हैं, तो हम जीवन में अच्छाई और सौंदर्यता को देखते हैं। यदि हम जीवन को बुरा और बदसूरत समझते हैं, तो हमें जीवन में बुराई और असुंदरता नजर आती हैं।
वहीं अगर हम जीवन को खूबसूरत और आनंदमय मानते हैं, तो हम जीवन में खुशी और शांति का अनुभव करते हैं। लेकिन अगर हम जीवन को बेकार और दुखदायी मानते हैं, तो हम जीवन में दुःख और तनाव का अनुभव करते हैं। इसलिए हमें जीवन को एक समान दृष्टि से देखना चाहिए।
- हमें जीवन की खूबसूरती को खुशी और दुःख के बीच नहीं बांटना चाहिए। हमें जीवन की खूबसूरती को अपने अंदर और अपने आस-पास के लोगों में देखना चाहिए।
- हमें जीवन की खूबसूरती को अपने जीवन के लक्ष्य, अपने जीवन के अर्थ, और अपने जीवन के उद्देश्य में देखना चाहिए।
- हमें जीवन में आने वाली हर चुनौती को एक अवसर मानकर उसका सामना करना चाहिए।
- हमें जीवन में अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हर रोज कुछ नया सीखना चाहिए। और अपने आप पर काम करना चाहिए। अपने जीवन के हर एक पल का आनंद लेना चाहिए।
यदि हम इन सब बातों को अपने जीवन में लागू करें, तो हम जीवन को वास्तव में खूबसूरत और आनंदमय बना सकते हैं। और फिर यह कह सकते हैं कि, Life is really Beautiful।
निष्कर्ष:
हर किसी के अंदर नम्रता की भावना होनी चाहिए अर्थात् अपने द्वारा जुटाई गई जानकारी और ज्ञान अपने विश्वास और मान्यताओं तक को सवाल करने की हिम्मत होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे बहुत कम लोग है, जो अपने ऊपर किसी भी तरह के सवाल खड़े कर पाए।