ट्रेडिंग क्या है– ट्रेडिंग का अर्थ है किसी चीज को खरीद कर बेचना, जिसका मतलब किसी चीज़ का व्यापार करना है। यानी चीजों की खरीद और बेचने की प्रक्रिया को ही ट्रेडिंग कहते हैं। स्टॉक मार्किट में भी ट्रेडिंग इसी प्रकार से होती है, जब किसी कंपनी का कोई शेयर या स्टॉक खरीद कर बेचा जाता हैं, तो वह ट्रेडिंग कहलाता है। स्टॉक या शेयर के बारे में अधिक जानने के लिए आप यह आर्टिकल पढ़ सकते है! स्टॉक मार्केट क्या है?
ट्रेडिंग के मुख्य स्तंभ, Main Pillers of Trading!
ट्रेडिंग के चार मुख्य स्तंभ है, Analisys, Psychology, Risk Management और Education। जिनकी सहायता से ट्रेडिंग को सरल और आसान बनाया जाता है।
विश्लेषण, (Analisys)
किसी भी स्टॉक को Analysis करने के कई तरीके होते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताए गए हैं–
- Technical Analysis: जिसमें आप चार्ट पढ़ना, इंडिकेटर्स का उपयोग करना, और प्राइस पैटर्न्स की जांच करने की कला सिखते है। यह सबसे सरल और आसान तरीका माना जाता है। यह तरीका एक ट्रेडर के लिए अधिक सुलभ हो सकता है।
- Fundamental Analysis: इसमें आप कंपनी के आर्थिक और वित्तीय पैरामीटर्स की जांच करना सिखते है।
- Sentiment Analysis: इसमें बाजार के मूड और निवेशकों की भावनाओं की जांच करने की प्रक्रिया शामिल होती है।
- Macro-Economic Analysis: इसमें आर्थिक और राजनीतिक घटकों की जांच करने की प्रक्रिया शामिल होती है। आप अपने व्यक्तिगत रुचियों के अनुसार इसमें से किसी भी एक तरीके का पालन कर के ट्रेडिंग सिख सकते है।
मनोविज्ञान, (Psychology)
ट्रेडिंग में मनोविज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसमें आप अपने भावनाओं को समझने, नियंत्रित करने, और उनके प्रभाव को कम करने की कला को सिखते है। यहां कुछ ऐसी ही भावनाएँ शामिल की गई है, जो ट्रेडिंग में आमतौर पर दिखाई देती हैं।
- लालच (Greed): लालच एक ऐसी भावना है जो हमें अधिक से अधिक रिस्क लेने पर मजबूर करती है। और बड़े नुकसान का कारण बन सकती है क्योंकि जब हम अधिक रिस्क लेने के लिए तैयार होते हैं तो हमें अधिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।
- डर (Fear): ट्रेडिंग करते वक्त डर लगना एक आम भावना है, खासकर जब हमारी पोजिशन नुकसान में जा रही होती है। डर के कारण अक्सर हम गलत निर्णय ले लेते हैं। इसलिए डर को कम करने के लिए हमें अपने भावनाओं पर कंट्रोल होना जरूरी है।
- गुस्सा (Anger): ट्रेड करते वक्त अगर हमारी कई सारी पोजीशन नुकसान में चलीं जाती है, तो हमें गुस्सा आने लगता है। जिससे हमारी रिस्क लेने की छमता बढ़ जाती है और हम गलत निर्णय ले सकते हैं।
- आशा (Hope): ट्रेड करते वक्त जब हमारी पोजिशन प्रॉफिट में जा रही होती है, तो हमें और अधिक पैसे कमाने की उम्मीद होती है। जिसके बाद हमारे कमाए हुए पैसे भी हम गवा देते है। तो हमें अफसोश होता है।
- अधिक ट्रेडिंग (Overtrading): जब हमारे ढेर सारे कोशिशों के बावजूद हम प्रॉफिट नहीं बना पाते या कुछ प्रॉफिट बना लेते है और बनाया हुआ प्रॉफिट भी गवा देते है तो हम ओवर ट्रेडिंग के शिकार हो जाते है, जिससे हम अपने पैसों को पूरी तरह गवा सकते है।
- याद रखें कि ट्रेडिंग में भावनाओं का सामना करना आवश्यक होता है और आपको इन्हें सावधानीपूर्वक संभालना चाहिए। इन भावनाओं को समझने या नियंत्रित करने, और उनके प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उपयोगी हो सकते हैं।
- स्वाध्याय (Self-awareness): अपनी भावनाओं को समझने के लिए आत्म-जागरूकता बढ़ाएं। जांचें कि आप किस प्रकार की भावनाओं के साथ ट्रेडिंग कर रहे हैं और उन्हें कैसे प्रभावित कर रहे हैं।
- व्यावसायिक शिक्षा (Professional Education): ट्रेडिंग के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करें। शेयर मार्केट की जानकारी, ट्रेडिंग के नियम, और अन्य शैक्षिक संसाधनों का उपयोग करें।
- ध्यान और धारणा (Mindfulness and Meditation): ध्यान और धारणा के अभ्यास से अपनी मानसिकता को स्थिर रखें। यह आपके भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट (Stop Loss and Take Profit): अपनी पोजिशन को सुरक्षित रखने के लिए स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट का उपयोग करें।
- व्यावसायिक सलाह (Professional Counseling): ट्रेडिंग साइकोलॉजिस्ट या प्रोफेशनल काउंसलर से सलाह लें। वे आपको भावनाओं को समझने और उन्हें कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
प्रबंधन, Risk Management
ट्रेडिंग में अच्छे रिस्क मैनेजमेंट के बिना सफलता पाने की संभावना कम होती है। इसमें अपने पैसों के प्रबंधन, स्टॉप लॉस, और टेक प्रॉफिट की योजना शामिल होती है। आपको अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए ये तकनीकें सीखनी पड़ेंगी।
- इक्विटी ट्रेडिंग: अगर आप ट्रेडिंग सीखना चाहते है तो इक्विटी ट्रेडिंग से शुरुआत करें, और यह कम से कम चार से छह महीनों तक करें, और ऑप्शन ट्रेडिंग से दूर रहें।
- ऑप्शन ट्रेडिंग को समझें: अगर आपके पास इक्विटी ट्रेडिंग की अच्छी नॉलेज है तो ही आप ऑप्शन ट्रेडिंग करें, और करने से पहले उनके प्रीमियम, एक्सपायरी, और उपलब्ध स्ट्रेटेजी सहित ऑप्शन कैसे मूव करते हैं, इसकी ठोस जानकारी रखें।
- रिस्क टॉलरेंस तय करें: अपनी वित्तीय स्थिति, ट्रेडिंग अनुभव, और इन्वेस्टमेंट टारगेट के आधार पर अपनी रिस्क टोलरेंस या जोखिम सहनशीलता तय करें।
- पोज़ीशन साइज़िंग: शुरुआती दिनों में आप अपने पोजीशन साइजिंग को कम से कम रखें। किसी एक ट्रेड पर संभावित हानि और लाभ को अपने कैपिटल के हिसाब से निर्धारित प्रतिशत तय करें। और अपनी ऑप्शन पोज़ीशन में उतनी ही क्वांटिटी ट्रेड करें जितना की आपने रिस्क तय किया है।
- स्टॉप लॉस ऑर्डर: यदि कोई पोज़ीशन एक निश्चित लॉस लिमिट तक पहुंच जाती है, तो स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करें।
शिक्षा (Education)
ट्रेडिंग में शिक्षा लेना महत्वपूर्ण है। इसमें शेयर मार्केट की जानकारी, ट्रेडिंग के नियम, और अन्य शैक्षिक संसाधन शामिल है। जो आपके ट्रेडिंग कैरियर को बेहतर बनाती है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है, जो व्यापारिक रणनीतियों और समय-अवधि के आधार पर विभाजित होती हैं:
- इंट्रा डे ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी एक दिन में एक से अधिक व्यापार करते हैं और व्यापार को एक ही दिन में पूरा कर लेते हैं।
- स्कैल्पिंग: इसमें व्यापारी दिनभर एक शेयर या अन्य संपत्ति के बिद-आस्क स्प्रेड का उपयोग करके हर व्यापार से छोटा लाभ कमाते हैं। यह व्यापारी को दिन के अंत में बड़े लाभ के लिए छोटे-छोटे व्यापारों का लाभ करने में मदद करता है।
- स्विंग ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी विशेष अवधि के लिए शेयर्स या अन्य संपत्ति को खरीदकर उन्हें एक से कई सप्ताह तक या महीनों तक रखते हैं, जब तक कि उनका निर्धारित लक्ष्य पूरा न हो जाए।
- ऑप्शन ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी विकल्प या ऑप्शन की खरीद-बेच करते हैं, जो उन्हें निर्धारित मूल्य पर एक निश्चित समय के लिए खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं।
- कमोडिटी ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी कमोडिटी जैसे कि गहुँ, सोयाबीन, सोना, चांदी, तेल, गैस, और अन्य वस्त्र खरीदने और बेचने का व्यापार करते हैं।
- फ्यूचर्स ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी निर्धारित मूल्य पर एक निश्चित समय के लिए विकल्प या फ्यूचर्स की खरीद-बेच करते हैं। यह व्यापारी को नुकसान से बचने और मुनाफे की अपेक्षित दर पर व्यापार करने में मदद करता है।
- करेंसी ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी विभिन्न देशों की मुद्राओं की खरीद-बेच करते हैं। यह व्यापारी को विदेशी मुद्रा बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है।
- क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी क्रिप्टोकरेंसी जैसे कि बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल, और अन्य डिजिटल मुद्राओं की खरीद-बेच करते हैं।
- मोमेंटम ट्रेडिंग: इसमें व्यापारी हाल की मूल्य रुझानों की ताकत के आधार पर खरीद-बेच करते हैं। यहां व्यापारी उन शेयरों की खोज करते हैं जो कुछ समय के लिए एक दिशा में बड़े प्रतिशत और वॉल्यूम वाले होते हैं और उन शेयरों में पोजीशन लेने की कोशिश करते हैं।
- मीन रिवर्शन ट्रेडिंग: यह उस विचार पर आधारित है कि शेयर जो अपने ऐतिहासिक माध्यम मूल्य से भटक जाते हैं, वे एक निश्चित समय के बाद अपने माध्यम मूल्य पर वापस आ जाते हैं। व्यापारी इन शेयरों के मीन रिवर्टिंग व्यवहार से लाभ उठा सकते हैं।
ट्रेडिंग कैसे सीखें! Learn Trading in Hindi
ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको पहले यह निर्णय लेना होगा, की आप किस प्रकार की ट्रेडिंग करना चाहते है, आपका बजट क्या है, आपके पास कितना समय है, जो आप ट्रेडिंग के लिए दे सकते है। ट्रेडिंग करने के लिए आपको यह भी ध्यान देना जरूरी है, की आपको अपने बारे में कितना ज्ञान है, आप अपने भावनाओं को और अपने आप को कितना समझते है। क्योंकि, इसे सीखने लिए आपको अपने भावनाओं पर कंट्रोल होना जरूरी है।
ट्रेडिंग करने के लिए ये सभी बाते आपके लिए महत्वपूर्ण है। ट्रेडिंग दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे कठिन, और सबसे अच्छा व्यापार माना जाता है, इसलिए यह जरूरी है की, आप इस काम को सीखने से पहले ज्यादा से ज्यादा (information) इकठ्ठा करें, और यह समझने की कोशिश करें, क्या यह काम आपने खुद चुना है, या दूसरों को देखकर इनफ्लुएंस हुए है।
नोट: यदि आपके अंदर ट्रेडिंग करने की इच्छा दूसरों के द्वारा उत्पन्न हुई है, तो यह काम आपके लिए थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है, क्योंकि यह एक ऐसा काम जिसमें आपके अंदर इच्छा और प्रेणना होना जरूरी है। इसके अलावा अगर आप सिर्फ पैसे कमाने के लिए यह सीखना चाहते है, तो भी यह काम आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है।
ट्रेडिंग सीखने के लिए आप विशेषज्ञों द्वारा लिखी गई किताबें और वेबसाइटों का सहारा ले सकते हैं। इनमें चार्ट के विभिन्न प्रकारों, उनके उपयोग, और विश्लेषण की तकनीकों की जानकारी होती है। इसके अलावा आप यूट्यूब चैनल्स और अन्य ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों पर चार्ट पढ़ने की कला को वीडियो ट्यूटोरियल्स के माध्यम से सिख सकते हैं। आप किसी स्कूल या कोचिंग क्लास में भी शामिल हो सकते हैं जो चार्ट पढ़ने की कला को सिखाते हैं।
इनके द्वारा आप ट्रेडिंग सिख सकते है, लेकिन इसमें कोई भी तरीका आपको एक बेहतर और प्रोफेशनल ट्रेडर नही बना सकता। एक बेहतर ट्रेडर बनने के लिए आपको खुद अपने पैसों से ट्रेड करना पड़ेगा, बिना पैसों के केवल नॉलेज और इनफॉर्मेशन लेने से आप ट्रेडर नही बनेंगे। एक सफल ट्रेडर बनने के लिए आपको अपने रियल मनी को इन्वेस्ट करना होगा, और वह जब प्रॉफिट या लॉस में हो उस पर अपने भावनाओं को कंट्रोल करना होगा, इस प्रक्रिया को आपको लगातार दोहराना होगा, जिसके बाद आप एक सफल ट्रेडर बन पाएंगे।
ट्रेडिंग करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
अफोर्डेबल रिस्क: शेयर मार्केट में निवेश करते समय आपकी पूंजी की रकम को ध्यान में रखें। ऐसे पैसे को निवेश करें जिन्हें आप गंवाने के लिए अफोर्ड कर सकते हैं।
स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट: ट्रेडिंग के दौरान आपको स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट के साथ काम करना चाहिए। स्टॉप लॉस आपके नुकसान को रोकने में मदद करता है, जबकि टेक प्रॉफिट आपके प्रॉफिट को सुरक्षित करता है।
रिसर्च करें: शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले अपनी रिसर्च करें। इससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है।
ट्रेडिंग स्ट्रेटजी: ट्रेडिंग करते समय एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करें। यह आपके निवेश को सुरक्षित और फायदेमंद बनाएगा।
याद रखें कि शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए निवेशकों को धैर्य, ज्ञान, और अनुभव की आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग से होने वाले फायदे और नुकसान!
फायदे:
- लाभ की संभावना: ट्रेडिंग से आपको लाभ की संभावना होती है। यदि आप सही समय पर खरीददारी करते हैं और बेचते हैं, तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है।
- वित्तीय स्वतंत्रता: ट्रेडिंग से आपको वित्तीय स्वतंत्रता (फाइनेंशियल फ्रीडम) मिलती है। आप अपने निवेश के नियंत्रण में होते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों (फाइनेंशियल गोल) को पूरा कर सकते हैं।
- विभिन्न वित्तीय उपायों का अध्ययन: ट्रेडिंग करके आप विभिन्न वित्तीय उपायों का अध्ययन कर सकते हैं, जैसे कि शेयर बाजार, कमोडिटी, फॉरेक्स, और क्रिप्टोकरेंसी।
नुकसान:
- जोखिम: ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण होती है। यदि आप गलत समय पर खरीददारी करते हैं या गलत समय पर बेचते हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है।
- वित्तीय तनाव: ट्रेडिंग में वित्तीय तनाव (फाइनेंशियल स्ट्रेस) हो सकता है। बाजार की वोलैटिलिटी और अनियमितता के कारण आपको तनाव में डाल सकता है।
- अनअवेयरनेस: ट्रेडिंग में अनअवेयरनेस के कारण आप नुकसान कर सकते हैं। यदि आप बाजार की जानकारी नहीं रखते हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है।
याद रखें कि ट्रेडिंग एक जोखिमपूर्ण क्षेत्र है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए और आपको सुरक्षित रूप से निवेश करना चाहिए।